
जिले में पशुओं को खुरहा-चपका रोग से बचने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान प्रारंभ
पशु विभाग के 57 दलों द्वारा टीकाकरण कार्य 15 जनवरी 2024 तक किया जाएगा
जशपुरनगर 5 दिसंबर 2023/जिले में पशुओं को खुरहा-चपका रोग से बचने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान 01 दिसम्बर 2023 से 15 जनवरी 2024 तक किया जा रहा है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें से प्राप्त जानकारी अनुसार विभाग के 57 दलों द्वारा टीकाकरण कार्य संपन्न किया जाएगा। जिले को 4,66,453 का लक्ष्य प्राप्त है, जिसमें समस्त गौवंशीय एवं भैसवंशीय पशुओं का एफ. एम. डी. टीकाकरण किया जा रहा है। मुंहपका खुरपका रोग खुर / दो खुरों वाले पशुओं जैसे गाय, भैंस, भेंड़, बकरी, हिरन, सुअर
तथा अन्य जंगली पशुओं में होने वाला एक अत्यंत संक्रामक एवं घातक विषाणु जनित वायुकोशीय रोग है। गायों और भैंसों को खुरपका रोग काफी प्रभावित करता है। यह काफी तेजी से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इसे प्रभावित होने वाले जानवर में अत्याधिक तेज बुखार के साथ मुॅह और खुरों पर छाले और घाव बन जाते है । रोग के असर के कारण कुछ जानवर स्थायी रूप से लंगड़ें भी हो सकते है। जिस कारण वे खेती में इस्तेमाल के लायक नहीं रह जाते। इसका संक्रमण होने के कारण गायों का गर्भपात हो सकता है, और कार्य भी बाधित हो जातें है। ऐसे में इस बीमारी का कोई निश्चित उपचार नही है, इसका बचाव ही इसका उपचार है।
डॉ. ए. के. मरकाम, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें जिला जशपुर ने जानकारी दी है कि इस रोग का कोई निश्चित उपधार नही है, टीकाकरण ही इस बीमारी से बचाव के लिए सर्वोत्तम है। सभी पशु पालकों को अपने पशुओं को एफ. एम. डी. टीका लगवाने का आग्रह किया
है। रोग से ग्रसित हो जाने पर पशुओं को पशु चिकित्सक के परामर्श पर दवा देने चाहिए।